योग कवच |
श्वेत रक्त कणिकाएं |
बढ़ती हैं श्वेत रक्त कणिकाएं : प्रतिदिन नियमित तौर पर योगासन करने से शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं में वृद्धि होती है। जिसकी वजह से शरीर में रोग से प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। जब हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तो हमें किसी भी प्रकार का कोई भी वायरस या कीटाणु हमें संक्रमित नहीं कर पाता है। हमारे शरीर की रोगों से लड़ने वाली यह प्रणाली उसे स्वयं ही समाप्त कर देती है। इस तरह से योग से हम कोरोना से लड़ाई जीत सकते हैं। इसके साथ ही प्राणायाम और आसनों के जरिये रक्तचाप, तनाव, मुधमेह, हृदयरोग आदि से भी बचा जा सकता है। कोरोना वायरस के संक्रमण ज्यादातर उन्हीं लोगों के लिए खतरा हैं जो उपरोक्त बीमारियों से ग्रस्त हैं। इन आसनों को करने में अधिक समय नहीं लगता।
निम्न पांच तरह के प्राणायाम कर श्वसन तंत्र को मजबूत कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
भस्त्रिका प्राणायाम |
- भास्त्रिका प्राणायाम : पाचन तंत्र, हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। पित्त और कफ को संतुलित रखता है।
कैसे करें- - सबसे पहले किसी योग मैट पर पद्मासन मुद्रा में बैठ जाएं।
- शुरू शुरू में धीरे धीरे श्वांस लें एवं बल पूर्वक छोड़ें।
- अब बल पूर्वक श्वांस लें एवं बल पूर्वक सांस छोड़ें।
- इस चक्र को 10 बार करने के पश्चात अंत में श्वांस को रोककर (कुम्भक) करें और अंत में धीरे धीरे श्वास को छोड़ें।
- आप इसे सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं।
- इस प्रणायाम को करीब 3-5 मिनट तक करें।
कपालभाति प्राणायाम |
- कपालभाति प्राणायाम : शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक।
कैसे करें- - किसी भी ध्यान की मुद्रा में आँख बंद करके बैठें एवं शरीर को ढीला छोड़ दें।
- दोनों नोस्ट्रिल से सांस लीजिए और पेट की पेशियों को बल से सिकोड़ते हुए तेजी से सांस को छोड़ें।
- सांस खींचते समय किसी भी प्रकार के बल का प्रयोग न कीजिये।
- शुरुवात में इस क्रिया को 30 बार दोहराएं धीरे धीरे 100 तक करें ।
- प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए इस प्राणायाम को आप रोज सुबह और शाम को पांच मिनट तक करें।
अनुलोम विलोम प्राणायाम
- अनुलोम-विलोम: हृदय रोगियों को स्वस्थ रखने में सहायक।
कैसे करें- - एक शांत वातावरण में योग मैट या किसी भी आसन पर बैठ जाएं।
- अब अपने बाएं हाथ के अंगूठे से, बायीं नाक के छिद्र को बंद करके, दायीं नाक के छिद्र से सांस लें।
- अब दायीं नाक के छिद्र को अपनी एक उंगली से बंद करें और बायीं नाक के छिद्र को खोलकर, इसके जरिए सांस छोड़ें।
- दूसरी ओर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए इस प्राणायाम को रोज सुबह करीब पांच मिनट तक करें।
भ्रामरी प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम : तनाव से मुक्त रखने में सहायक।
कैसे करें- - सबसे पहले किसी योग मैट पर पद्मासन या सिद्धासन मुद्रा में आँख बंद करके बैठ जाएं।
- मुंह बंद रखें एवं गहरी सांस लें।
- दोनों कानों को अंगूठों से बंद केर लीजिये एवं अँगुलियों को उपरोक्त की तरह से रखें ।
- सांस छोड़ते समय मधुमक्खी के गुनगुनाने की तरह आवाज करें।
- इस चक्र को 10-15 बार दोहराएं।
उद्गीथ प्राणायाम
- उदगीथ प्राणायाम : माइग्रेन और अवसाद से निजात दिलाता है।
कैसे करें- - सबसे पहले किसी योग मैट पर पद्मासन या सिद्धासन मुद्रा में आँख बंद करके बैठ जाएं।
- साँस की स्थिति सामान्य हो जाने दें।
- अग्निचक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
- सामान्य गति से लम्बी सांस लें एवं सामान्य गति से ओमकार (ॐ ) जप करते हुए साँस को बाहर छोड़ें।
- सांस बाहर निकालते समय ओउम शब्द में 'O' जितनी देर तक बोलें 'M' उससे 3 गुना देर तक उच्चारण करें।
- इस अभ्यास को 5-10 बार दोहराएं।
एवं साथ ही साथ 5 मिनट सूर्य नमस्कार भी करें ।
सात्विक आहार |
खानपान का भी रखें खास ध्यान : शुद्ध और ताजा भोजन लेना ही सर्वोत्तम है। मांसाहार से परहेज करें। भारतीय खानपान संस्कृति में शाकाहार से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। खाने में विटामिन-सी से भरपूर सामाग्री का इस्तेमाल करें। नींबू, संतरा और आंवले का इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी, गिलोय, अदरक, हल्दी और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर दिन में दो करें। इससे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है।
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