Maharishi Dayanand Vocational Training Institute India

Sunday, 31 May 2020

तंबाकू नहीं जहर कहिए

प्यारे युवा साथियों
             आज इस ब्लॉग के माध्यम से मै अपने हृदय की पीड़ा को लिख रहा हूं अगर आप मेरी बात से सहमत हो तो इस ब्लॉग को हर उस अपने साथी के साथ शेयर कीजिए जो आज नशे के कारण अपने साथ साथ पूरे परिवार को दुख की तपती भट्ठी मे झोकता ही चला जा रहा है।
आज मै बात करना चाहता हूं  तंबाकू की, उससे होने वाले नुकसान,परिणाम एवं छोड़ने के कुछ उपायों के बारे में।

बिहार में सर्वाधिक तम्बाकू का इस्तेमाल होता है। यहां के 53.5 प्रतिशत लोग तम्बाकू सेवन करते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 35 है।
एनएफएचएस -4 के सर्वे के अनुसार बिहार में दो तिहाई पुरुष तथा 8 प्रतिशत महिलाएं इसमें भी 5 प्रतिशत गर्भवती तथा 10.8 फीसद बच्चों को दूध पिलाने वालीं महिलाएं किसी न किसी रूप में तम्बाकू सेवन करती हैं। प्रदेश के हाईस्कूल में पढऩे वाले 61.4 प्रतिशत छात्र तथा 51.2 फीसद छात्राएं और 70 प्रतिशत से अधिक शिक्षक किसी न किसी रूप में तम्बाकू सेवन करते हैं।

आइए_जानते_है_इसके_नुकसान_के_बारे_में
पहली बार जब घोड़े के पेट में कीड़ों को मारने के लिए तम्बाकू का प्रयोग किया गया था तब किसी ने सोचा भी नहीं था एक दिन यह मनुष्यों की जान की सबसे बड़ी दुश्मन होगी।

आज देश के 27 करोड़ लोग घातक परिणामों को जानते हुए भी इसका सेवन कर रहे हैं। केवल तम्बाकूजनित बीमारियों से देश में हर वर्ष करीब 15 लाख लोगों की मौत होती है। सबसे खतरनाक पहलू यह कि छात्रों में इसके सेवन की ललक बढ़ रही है। प्रदेश के आंकड़े तो और भी चौंकाने वाले हैं।
यहां हर वर्ष 80 हजार लोग और प्रतिदिन औसतन 280 लोग तम्बाकूजनित रोगों से असमय काल के गाल में जा रहे हैं।

कैंसर जागरूकता फैलाने में जुटे ओंको सर्जन डॉ. वीपी सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़ दिया जाए तो देश में बिहार में सर्वाधिक तम्बाकू का इस्तेमाल होता है। यहां के 53.5 प्रतिशत लोग तम्बाकू सेवन करते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 35 है।

चिकित्सकों की माने तो तम्बाकू सबसे खतरनाक पोटेशियम सायनाइड जहर से भी घातक है क्योंकि इससे मरने वाले अधिकांश लोग उत्पादन क्षमता वाले अर्थात 25 से 65 वर्ष के होते हैं। साथ ही साइनाइड जिसके शरीर में जाता है, उसी की जान जाती है। तम्बाकू धुएं के रूप में तो आसपास रहने वालों को भी खतरनाक रोगों को तोहफा देती है।

तम्बाकू_छोडऩे_में_उपयोगी_टिप्स :

- आसपास से तम्बाकू की सभी चीजें हटा दें।

- एक दिन तय कर उस दिन बिल्कुल तम्बाकू सेवन न करें।

- तम्बाकू छोडऩे के बाद शरीर के जहरीले व रासायनिक पदार्थों से मुक्त होने के अच्छे प्रभाव पर गौर करें।

- तलब लगे तो उसे थोड़ी देर के लिए भुला दें। धीरे-धीरे घूंट लेकर पानी पिएं, गहरी सांस लें व ध्यान हटाने के लिए दूसरा कार्य करें।

- सामान्य दिनचर्या बदलें, सुबह टहलने जाएं।

- ऐसी जगह न जाएं जहां तलब तेज हो।

- तम्बाकू की तलब घटाने को सौंप, मिश्री, लौंग या दालचीनी का प्रयोग करें।

- ऐसे दोस्तों के साथ रहें जो तम्बाकू सेवन से दूर रहने को प्रेरित करें।

- तम्बाकू सेवन न करने से होने वाली बचत को ध्यान कर अपने फैसले को मजबूत बनाएं।

- यदि तम्बाकू छोड़ देंगे तो लोग आपके नक्शे-कदम पर चलेंगे।

आइए साथ मिलकर ऐसे नौजवानों को रोकें और इन नौजवानों को उनके भविष्य के बारे में और जागरुक करें ।यकीन मानिए एक दिन हम अवश्य सफल होंगे ।
सोचिए यदि हमारी यह मुहिम सफल हुई तो दुनिया में भारत एक ऐसा देश होगा जिसमें एक भी नशा करने वाला व्यक्ति नहीं होगा ,विश्व गुरु बनने की ओर हम मजबूती से बढ़ पाएंगे और दुनिया को एक बार फिर से इस नए भारत के असली चरित्र का अंदाजा हम करवा पाएंगे।
आज से आप शपथ लीजिए कि आप यदि तंबाकू का सेवन करते हैं तो नहीं करेंगे और कम से कम 10 लोगो को तंबाकू छोड़ने की शपथ दिलाएंगे।

         साथियों, तंबाकू छोड़ने में योग एक महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहा है क्योंकि मन पर नियंत्रण रखना किसी  अन्य साधन से संभव ही नहीं है। बिना किसी पैसों के आप घर बैठे योग के माध्यम से तंबाकू छोड़ सकते है और लोगो को तंबाकू छोड़ने में उनकी मदद कर सकते है।
यदि आपके पास योग करने का कोई साधन उपलब्ध न हो तो आप MDVTI INDIA के फेसबुक पेज पर:- https://www.facebook.com/mdvtiindia/ 
जाकर प्रतिदिन योग सुबह सीख सकते है।
साथियों,
हमारा संस्थान "स्वस्थ भारत समृद्धि भारत" के मिशन को पूरा करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है और हमारा यह संकल्प बिना तंबाकू को जड़ से समाप्त किए बिना पूरा नहीं हो सकता है।
          
हम योग से माध्यम से आसानी से तंबाकू को समाप्त करना चाहते है ।इसमें हमें आपके सहयोग की अपेक्षा है। आइए साथ मिलकर योग के माध्यम से इस भयावह बीमारी को जड़ से समाप्त करें क्योंकि भारत देश में यह कई व्यक्तियो को नहीं बल्कि कई परिवारों को तबाह कर रहा है।
पूरा ब्लॉग पढ़ने हेतु आपका सहृदय बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

Tuesday, 19 May 2020

योग की उत्पत्ति,इतिहास

योग की उत्पत्ति:इतिहास

योग एक प्राचीन कला है जिसकी उत्पत्ति भारत में लगभग 6000 साल पहले हुई थी।योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के युज धातु से हुई है, जिसके दो अर्थ हैं :– एक अर्थ है - जोड़ना और दूसरा अर्थ है – अनुशासन। 


ऐसा माना जाता है कि योग की उत्त्पति ब्रह्माण्ड में मानव जीवन की उत्पत्ति के पूर्व हुई है।योग का जन्म धर्म एवं आस्था के जन्म से पूर्व हुआ है क्योंकि सर्वप्रथम योग गुरु भगवान शिव को माना जाता है। भगवान शिव को "आदियोगी" भी कहते हैं।कई हजार वर्ष पहले, हिमालय में कांति सरोवर झील के तटों पर आदि योगी ने अपने प्रबुद्ध ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्‍तऋषियों को प्रदान किया था। सप्तऋषियों ने योग को पूरे विश्व में याथारूप में फैलाया। 

महर्षि अगस्त ने विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा कर इस महाद्वीप में योग संस्कृति की उत्पत्ति की आधारशिला रखी। सिंधु घाटी सभ्यता में कई मूर्तियां और जीवाश्मों के अध्ययन से यह सिद्ध होता है कि योग सिंधु घाटी सभ्यता के लोगो के जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग था।हिन्दू ,बौद्ध और जैन समाज की प्राचीन परंपराओं , दर्शन शास्त्रों,वेदों, उपनिषद्, रामायण, महाभारत एवं पवित्र श्रीमद् भगवत गीता में योग का उल्लेख भारत में योग के प्राचीन काल से विद्यमान होने के पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं। प्राचीन काल में योग करने के काफी कठिन नियम होते थे। सामान्यतः लोग गृहस्थ जीवन त्यागकर वनो में कठिन योग क्रियाएं करते थे ।परंतु समय के साथ साथ ही योग की जटिलताओं को अनेक ऋषियों ने सामान्य करने का प्रयास किया।

महर्षि पतंजलि इस क्रम में एक अलग ही ख्याति अर्जित करने में सफल हुए क्योंकि महर्षि पतंजलि ने योग की जटिलताओं को एक सूत्र में पिरोया जिसे हम "पतंजलि योगसूत्र" के नाम से जानते है। वर्तमान काल (2020) में भी पतंजलि योगसूत्र से व्यक्ति सामान्यतः परिचित है। इस सूत्र को अष्टांग योग के नाम से भी जानते है जो कि यम,नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा,ध्यान , समाधि से मिलकर बना है।20 वीं सदी के अंतिम चरण से आज 21 वीं सदी (मई,2020) तक आसन एवं प्राणायाम मुख्य रूप से प्रचलन में हैं। 

योग की मुख्य परिभाषाएं

योग शब्द एक अति महत्त्वपूर्ण शब्द है जिसे अलग-अलग रूप में परिभाषित किया गया है।
 1.योग सूत्र के प्रणेता महर्षि पतंजलि ने योग को परिभाषित करते हुए कहा है - ‘योगष्चित्तवृत्तिनिरोध:’ यो.सू.1/2 अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध करना ही योग है। चित्त का तात्पर्य, अन्त:करण से है। 
2.महर्षि याज्ञवल्क्य ने योग को परिभाषित करते हुए कहा है- ‘संयोग योग इत्युक्तो जीवात्मपरमात्मनो।’ अर्थात जीवात्मा व परमात्मा के संयोग की अवस्था का नाम ही योग है। 

3.श्रीमद्भगवद्गीता में योगेश्वर श्रीकृष्ण ने कुछ इस प्रकार से परिभाषित किया है। योगस्थ: कुरू कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनंजय:। सिद्ध्यसिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।। 2/48 अर्थात् - हे धनंजय! तू आसक्ति त्यागकर समत्व भाव से कार्य कर। सिद्धि और असिद्धि में समता-बुद्धि से कार्य करना ही योग हैं। 
4.योग: कर्मसुकौशलम्।। 2/50 अर्थात् कर्मो में कुशलता ही योग है।
5.लिंग पुराण मे महर्षि व्यास ने कहा है कि -सर्वार्थ विषय प्राप्तिरात्मनो योग उच्यते। अर्थात् आत्मा को समस्त विषयो की प्राप्ति होना योग कहा जाता है।
योग के विषय में ऐसी ही रोचक एवं ऐतिहासिक तथ्यों को जानने हेतु निरंतर हमारा ब्लॉग पढ़ते रहें।
यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया है तो आप कृपया इसे शेयर करें जिससे और लोगों तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

|| धन्यवाद || 

Thursday, 9 April 2020

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में रामबाण है योग

योग कवच 


कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए योग रामबाण उपाय हैं। योग से शरीर पूर्णतयः स्वस्थ रहता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ ही श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है। जाहिर है स्वस्थ शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण का सवाल ही नहीं उठता। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एकमात्र सर्वमान्य हल योग है। दरअसल कोरोना का संक्रमण उन लोगों को अपना शिकार जल्दी बना सकता है, जिनकी इम्यून पावर बहुत कमजोर होती है। आमतौर पर होने वाले संक्रमण में भी अगर किसी भी व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर होती है, तो वह जल्दी बीमार हो जाता है। नेशनल सेण्टर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (National Center For Biotechnology Information (NCBI) के द्वारा किये गए एक विस्तृत शोध में यह बताया गया की प्राणायाम के जरिये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है।

Using Flow Cytometry to Analyze Peripheral Blood Cells
श्वेत  रक्त कणिकाएं 

बढ़ती हैं श्वेत रक्त कणिकाएं : प्रतिदिन नियमित तौर पर योगासन करने से शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं में वृद्धि होती है। जिसकी वजह से शरीर में रोग से प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। जब हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तो हमें किसी भी प्रकार का कोई भी वायरस या कीटाणु हमें संक्रमित नहीं कर पाता है। हमारे शरीर की रोगों से लड़ने वाली यह प्रणाली उसे स्वयं ही समाप्त कर देती है। इस तरह से योग से हम कोरोना से लड़ाई जीत सकते हैं। इसके साथ ही प्राणायाम और आसनों के जरिये रक्तचाप, तनाव, मुधमेह, हृदयरोग आदि से भी बचा जा सकता है। कोरोना वायरस के संक्रमण ज्यादातर उन्हीं लोगों के लिए खतरा हैं जो उपरोक्त बीमारियों से ग्रस्त हैं। इन आसनों को करने में अधिक समय नहीं लगता।

निम्न पांच तरह के प्राणायाम कर श्वसन तंत्र को मजबूत कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

Bhastrika Pranayama (Bellows Breath): Steps, Benefits ...
भस्त्रिका प्राणायाम 

  • भास्त्रिका प्राणायाम : पाचन तंत्र, हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। पित्त और कफ को संतुलित रखता है।
    कैसे करें- 
  • सबसे पहले किसी योग मैट पर पद्मासन मुद्रा में बैठ जाएं।
  • शुरू शुरू में धीरे धीरे श्वांस लें एवं बल पूर्वक छोड़ें।
  • अब बल पूर्वक श्वांस लें एवं बल पूर्वक सांस छोड़ें।
  • इस चक्र को 10 बार करने के पश्चात अंत में श्वांस को रोककर (कुम्भक) करें और अंत में धीरे धीरे श्वास को छोड़ें।
  • आप इसे सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं।
  • इस प्रणायाम को करीब 3-5 मिनट तक करें।


    कपालभाति प्राणायाम 


  • कपालभाति प्राणायाम : शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक।
    कैसे करें- 
  • किसी भी ध्यान की मुद्रा में आँख बंद करके बैठें एवं शरीर को ढीला छोड़ दें।
  • दोनों नोस्ट्रिल से सांस लीजिए और पेट की पेशियों को बल से सिकोड़ते हुए तेजी से सांस को छोड़ें।
  • सांस खींचते समय किसी भी प्रकार के बल का प्रयोग न कीजिये।
  • शुरुवात में इस क्रिया को 30 बार दोहराएं धीरे धीरे 100 तक करें ।
  • प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए इस प्राणायाम को आप रोज सुबह और शाम को पांच मिनट तक करें।
    Refresca tu práctica/ Pranayama | Yoga en Red
    अनुलोम विलोम प्राणायाम 


  • अनुलोम-विलोम: हृदय रोगियों को स्वस्थ रखने में सहायक।
    कैसे करें- 
  • एक शांत वातावरण में योग मैट या किसी भी आसन पर बैठ जाएं।
  • अब अपने बाएं हाथ के अंगूठे से, बायीं नाक के छिद्र को बंद करके, दायीं नाक के छिद्र से सांस लें।
  • अब दायीं नाक के छिद्र को अपनी एक उंगली से बंद करें और बायीं नाक के छिद्र को खोलकर, इसके जरिए सांस छोड़ें।
  • दूसरी ओर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए इस प्राणायाम को रोज सुबह करीब पांच मिनट तक करें।
    भ्रामरी प्राणायाम 
  • भ्रामरी प्राणायाम : तनाव से मुक्त रखने में सहायक।
    कैसे करें- 
  • सबसे पहले किसी योग मैट पर पद्मासन या सिद्धासन मुद्रा में आँख बंद करके बैठ जाएं।
  • मुंह बंद रखें एवं गहरी सांस लें।
  • दोनों कानों को अंगूठों से बंद केर लीजिये एवं अँगुलियों को उपरोक्त की तरह से रखें ।
  • सांस छोड़ते समय मधुमक्खी के गुनगुनाने की तरह आवाज करें।
  • इस चक्र को 10-15 बार दोहराएं।
    Pranayam Archives - Page 2 of 4 - Theayurveda
    उद्गीथ प्राणायाम 


  • उदगीथ प्राणायाम : माइग्रेन और अवसाद से निजात दिलाता है।
    कैसे करें- 
  • सबसे पहले किसी योग मैट पर पद्मासन या सिद्धासन मुद्रा में आँख बंद करके बैठ जाएं।
  • साँस की स्थिति सामान्य  हो जाने दें।
  • अग्निचक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
  • सामान्य गति से लम्बी सांस लें एवं सामान्य गति से ओमकार (ॐ ) जप करते हुए साँस को बाहर छोड़ें।
  • सांस बाहर निकालते समय ओउम शब्द में 'O' जितनी देर तक बोलें 'M' उससे 3 गुना देर तक उच्चारण करें।
  • इस अभ्यास को 5-10 बार दोहराएं।

    एवं साथ ही साथ 5 मिनट सूर्य नमस्कार भी करें ।
सात्विक आहार किसे कहते हैं? योग आहार ...
सात्विक आहार 

खानपान का भी रखें खास ध्यान : शुद्ध और ताजा भोजन लेना ही सर्वोत्तम है। मांसाहार से परहेज करें। भारतीय खानपान संस्कृति में शाकाहार से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। खाने में विटामिन-सी से भरपूर सामाग्री का इस्तेमाल करें। नींबू, संतरा और आंवले का इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी, गिलोय, अदरक, हल्दी और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर दिन में दो  करें। इससे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है।

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। आप का बहुत-बहुत धन्यवाद
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या किसी भी प्रकार की सहायता के लिए हमें कॉल करें- +91-9696-906-907


Wednesday, 8 April 2020

योग में करियर: यहां है अवसरों की भरमार, जानिए कैसे कर सकते हैं अच्छी कमाई

Career in Yoga | Everything About Yoga | Salary | Scope | Careers ...
योग में करियर 

लोग योग के शरीर और मस्तिष्क पर पड़ने वाले बेहतर और सकारात्मक प्रभाव के कारण इसे अपना रहे है. ऐसे में योग अब महज शरीर को स्वस्थ रखने का जरिया नहीं बल्कि एक व्यापक इंडस्ट्री बन गया है जिसमें करियर बनाने की बेशुमार संभावनाएं हैं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आस्तित्व में आने के बाद देश-दुनिया में योग को तेजी से अपनाया जा रहा है. भारत में योग के प्रति लोगों का रूझान तेजी से बढ़ता जा रहा है. लोग योग के शरीर और मस्तिष्क पर पड़ने वाले बेहतर और सकारात्मक प्रभाव के कारण इसे अपना रहे है. ऐसे में योग अब महज शरीर को स्वस्थ रखने का जरिया नहीं बल्कि एक व्यापक इंडस्ट्री बन गया है जिसमें करियर बनाने की बेशुमार संभावनाएं हैं.
Is yoga training good career option as a profession ?
योग है जीवन का आधार 
भारत में 3 लाख योग प्रशिक्षकों की कमी: एसोचैम
हाल ही में एसोचैम द्वारा किए गए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी है. जबकि पांच लाख योग प्रशिक्षकों की आवश्यकता है. अध्ययन के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया में योग प्रशिक्षकों की मांग सबसे अधिक है. भारत, दक्षिणपूर्व एशिया और चीन के लिए इसका सबसे बड़ा निर्यातक है. अनुमान है कि चीन में भारत के 3,000 योग प्रशिक्षक काम कर रहे हैं. जिनमें से ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश के हैं, जिसे भारत का योग की राजधानी कहा जाता है. क्योंकि यहां सबसे ज्यादा योग स्कूल हैं. एसोचैम के महामंत्री डीएस रावत ने कहा कि योग को तेजी से बढ़ते 'फिटनेस की नई मुद्रा' के रुप में देखा जा रहा है. जितनी तेजी से यह दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहा है. उसके हिसाब से इसके प्रशिक्षकों की कमी है.

Career Options - Yoga Instructor - Careernaka.com
योग में उपलब्ध कोर्स  

यूं बनाएं करियर इस फील्ड में करियर की शुरुआत 12वीं के बाद और ग्रेजुएशन के बाद की जा सकती है. योग में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कई डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकट कोर्स उपलब्ध हैं. डिप्लोमा इन योग टीचर / थेरेपीपीजी डिप्लोमा इन योग थैरेपी पी.जी. इन योग, बैचलर इन योग  कोर्सेज की अच्छी डिमांड है. योगक एक्सपर्ट या नैचूरोपैथ के तौर पर करियर विकसित करना है तो साढ़े पांच साल का बैचलर ऑफ नैचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज (बीएनवाईएस) किया जा सकता है.
What Should A Good Yoga Instructor Teach? - Harcourt Health
योग में हैं करियर बनाने की अपार संभावनाएं 
करियर बनाने की विभिन्न संभावनाएं 

योग एक विज्ञान है जिसे सीखने के लिए योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक की जरूरत होती है. योग में विभिन्न कोर्सेज करने के बाद निम्न क्षेत्रों में करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं|
- रिसर्च इंस्टिट्यूट
- अकादमिक
- हेल्थ रिसॉर्ट
- अस्पताल
- जिम
- स्कूल
- स्वास्थ्य केंद्र
- हाउसिंग सोसाइटियां
- कार्पोरेट घराने
-योग केंद्र
- टेलीविजन चैनल भी योग प्रशिक्षक हायर करते हैं और जाने-मानी हस्तियां भी प्राइवेट योग इंस्ट्रक्टर हायर करते हैं. 
योग का प्रशिक्षण हासिल कर योग एयरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योग थेरेपिस्ट, योग इंस्ट्रक्टर, योग टीचर, थेरेपिस्ट एंड नैचूरोपैथ्स, रिसर्च ऑफिसर के तौर पर काम किया जा सकता है. 
Best Yoga Teacher Training Institute
योग से आर्थिक उन्नति 

पार्ट टाइम के तौर पर कमा सकते हैं अच्छा पैसा

योग शिक्षक बनने का एक फायदा यह भी है कि योग की क्‍लासेज आप ज्‍यादातर सुबह या शाम को ही लेते हैं. ऐसे में आपके पास बीच का पूरा दिन होता है, जिसमें आप कुछ नया सीख सकते हैं या कोई दूसरा काम या बिजनेस या फिर अपना खुद का योग स्‍कूल भी शुरू कर सकते हैं.



योग में करियर बनाने के लिए हम आपकी पूरी सहायता करेंगे|
हमारे कॉउंसलर से अभी संपर्क करें-

+91-9696-906-907

या अपना नंबर कमेंट बॉक्स में कमेंट करें हमारे कॉउंसलर आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे एवं योग में आपका करियर बनाने में आपका पूरा सहयोग करेंगे | 

कोरोना वायरस, बीमारी के लक्षण एवं बचाव के उपाय

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है| इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था| डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं।इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है| इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है।बाद में सांस लेने में समस्या,  नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं| यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है| इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है| कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है|खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है।
कोरोना वायरस

क्या हैं इससे बचाव के उपाय?

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं| इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए| अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें| जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें| अंडे और मांस के सेवन से बचें| जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।कोरोना वायरस के बारे में जानकारी



जिन्हे खुद के संक्रमित होने का शक है उनके लिए सलाह 

कोरोना वायरस के बारे में जानकारी


कोरोना से बचने के लिए घर पर कैसे बनाएं हैंड सैनिटाइजर

बाबा रामदेव ने घरेलू आयुर्वेदिक हैंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका बताया है। इसके जरिए आप चुटकियों में घर बैठे कोरोना से बचने के लिए हैंड सैनिटाइजर बना सकते हैं।दुनिया भर में फैल रहे कोरोना वायरस के इस प्रकोप से बचने के लिए मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा है और यही एक वजह है कि बहुत ज्यादा बिक्री कि वजह से या तो केमिस्ट इन्हे मंहगे रेट में बेच रहे है या फिर ये उपलब्ध ही नहीं हैं। इसके जरिए आप चुटकियों में घर बैठे कोरोना से बचने के लिए हैंड सैनिटाइजर बना सकते हैं।ये बिलकुल हर्बल है औऱ इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
सामग्री:-
1 लीटर पानी 
100 नीम के पत्ते
10-20 तुलसी के पत्ते
10 ग्राम फिटकरी
10 ग्राम कपूर
एलोवेरा

विधि:-
-सबसे पहले 1 लीटर पानी में 100 ग्राम नीम की पत्तियां डालें।
-उसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर उन्हें अच्छे तरीके से पानी में उबाले। अब इसमे एलोवेरा भी डाल दें।  
-जब पानी अच्छी तरह उबल जाए और 1 लीटर का करीब 600 से 700 एम एल बच जाए तब इसमें कपूर और फिटकरी मिलाएं।  

भारत सरकार ने भी जारी की एडवाइज़री

भारत सरकार ने भी कोरोना वायरस के लक्षण मिलने पर तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर सूचना देने को कहा है| स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. फोन नंबर 011-23978046 के माध्यम से कंट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है| इसके अलावा ncov2019@gmail.com पर मेलकर के भी कोरोना वायरस के लक्षणों या किसी भी तरह की आशंकाओं के बारे में जानकारी ली जा सकती है।Image result for coronavirus helpline


MDVTI INDIA परिवार हमेशा आपकी सहायता के लिए तत्पर है, किसी भी सहायता के लिए हमें तुरंत संपर्क करें-


+91-9696-906-907

Sunday, 15 January 2017

About Maharishi Dayanand Vocational Training Institute India

                        Maharishi Dayanand Vocational Training Institute MDVTI INDIA is  An ISO:9001:2015 Certified organisation, Regd. By Govt. of INDIA. Regd. No.-1155. Ministry of Ayush Govt. of India (Owned by Quality Council of India) QCI Membership No:CORP/EDU/6255/2020-21 C.R.Regd. MDVTI INDIA is working with a mission of  "स्वस्थ भारत समृद्ध भारत" & promoting job oriented self-employment “A STEP AGAINST UNEMPLOYMENT” based training and services empower people of urban as well as rural areas. 
 The MDVTI INDIA runs several courses in all over India such as Fashion Designing, Dance, Yoga, IGD Bombay Art, Vocational & Computer Programs, Art & Drawing, Fire & Safety, and many other courses. The exams of several courses of the institute are held in all over the country at study center of MDVTI INDIA  The aim of the organization is to encourage these several courses for unemployed of people to get better job and live happily with their family.
               In Yoga courses we are offering many type of courses like Diploma In Yoga Therapy/ Teacher (DYT5), PG Diploma in Yoga Teacher Training (PGDYT), Diploma in Naturopathy (DNYS), Diploma in Yoga Education (D.Y.Ed.) etc.
               We strive for excellence by adopting latest technology for constant improvement in the products and services through latest technology.
                 After completing the Yoga Course ,Yoga Certification Exam i.e. QCI (YCB) is necessary for Govt. Job. Student may contact his/her study center (Study center of MDVTI INDIA to appear in QCI Examination held by YCB & may appear in examination by filling application form and submiting the final fees. Examination center will be notified to students before 10-15 days of the examination date by sms/email. 

Our Presence

Currently MDVTI INDIA is working in 4 state of India i.e. Uttar Pradesh, Bihar, New Delhi & Assam.
In Uttar Pradesh Now people can find MDVTI INDIA in below cities. Like-Agra, Aligarh, Allahabad, Ambedker Nagar, Amethi, Auraiya, Azamagarh,Badaun, Bahraich, Ballia, Banda, Barabanki, Bareily, Basti, Bijnaur, Bulandshahr, Chandauli, Chitrakoot, Deoria, Etah, Etawah, Faizabad, Farrukhabad, Fatehpur, Firozabad, Ghaziabad, Ghazipur, Gonda, Gorakhpur, Hapur, Hardoi, Hathras, Jaunpur, Jhansi, Kannauj, Kanpur Dehat, Kanpur Nagar, Kasganj, Kushinagar, Lakhimpur Kheri, Lalitpur, Lucknow, Maharajganj, Maahoba, Mainpuri, Mathura, Mau, Meerut, Mirzapur, Moradabad, Muzaffarnagar, Pratapgarh, Rampur, Sant kabir Nagar, Shahjahanpur, Siddharthnagar, Sonbhadra, Sultanpur, Unnao & Varansi.